क्या आपने कभी पलंगतोड़ चिकन, लतखोर चिकन, चिकन दोगलापन खाया है? अगर नहीं तो आज हम आपको राजधानी पटना का एक ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आपको इन मजेदार नामों वाला चिकन खाने को मिलेगा. इस तरह के करीब आठ यूनिक नाम वाले चिकन नेपाल से आई दो लड़कियां बना कर खिलाती हैं. लिट्टी-मुर्गा खाने वाले लोगों के लिए पटना की यह दुकान बेस्ट डेस्टिनेशन है.

चिका लिट्टी नाम से यह फूड स्टॉल पटना के चर्चित स्पॉट मरीन ड्राइव पर है. जब भी आप मरीन ड्राइव से गुजरेंगे तो हवाओं में चिकन और लिट्टी की खुशबू आपका मन मोह लेगी और आप इस दुकान की ओर खींचें चले आएंगे. आग पर सेंकी हुई गोल-गोल लिट्टी पर घी का लेप और चिकन के लेग पीस के साथ ग्रेवी और प्याज का संगम, जिसको देखते ही मुंह में पानी आ जाएगा. इसका मेन्यू देख चेहरे पर मुस्कान और लिट्टी चिकन देख मुंह में पानी आना निश्चित है.
स्वाद के साथ कीमत भी बेहद कम
अगर चिका अकेलापन की बात करें तो इसकी कीमत 80 रुपए है. इसमें एक नॉर्मल पीस और 02 लिट्टी दी जाती है. इसी प्रकार चिका पलंगतोड़ 120 रुपए का है. इसमें 1/4 चूजा पीस और 2 लिट्टी मिलती है. चिका लैला-मजनू की कीमत 150 रुपए और इसमें एक नॉर्मल पीस, एक लेग पीस और दो लिट्टी मिलती है. इसी तरह से अन्य आइटम का भी अलग-अलग रेट है. रक्षा ने बताया कि रोज करीब 500 प्लेट की बिक्री हो जाती है.

चिकन लिट्टी के अजब-गजब नाम
चिका लिट्टी के इस स्टॉल पर चिका अकेलापन, चिका पलंग तोड़, चिका लैला-मजनू, चिका पारिवारिक, चिका लतखोर, चिका मियां- बीवी, चिका दोगलापन, चिका खानदानी मिलता है. एक साल पहले नेपाल से बिजनेस करने के लिए रक्षा थापर अपनी एक सहेली के साथ पटना पहुंची. उस समय मरीन ड्राइव स्ट्रीट फूड के एक अड्डे के रूप में विकसित हो रहा था. इसी जगह पर रक्षा और उसकी दोस्त ने लिट्टी-चोखा के ऑप्शन के रूप में लिट्टी और चिकनकी दुकान खोलने की योजना बनाई. नाम रखा चिका लिट्टी. लोगों को आकर्षित करने के लिए मेन्यू को मजेदार बनाया गया, ताकि लोग चिकन का स्वाद लेने के लिए पहुंचे. इस स्टॉल पर लिट्टी और चिकन मुख्य रूप से मिलता है. जिसको दोनों सहेली मिलकर बनाती हैं. शुरूआत एक छोटी सी दुकान से हुई, पर आज वे लोग चौथी दुकान खोलने की तैयारी में है.
भारतीय भोजन की विविधता में हर राज्य का अपना खास स्वाद और विशेषता होती है। बिहार की पहचान में एक अद्भुत व्यंजन है ‘चिका लिट्टी‘, जो न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि इसके पीछे एक गहरी सांस्कृतिक कहानी भी है। यह व्यंजन पारंपरिक बिहारी त्योहारों और खास अवसरों का अभिन्न हिस्सा है। आइए, जानते हैं चिका लिट्टी की विशेषताएँ, इसकी तैयारी और इसे खाने का सही तरीका।
चिका लिट्टी का इतिहास
लिट्टी का इतिहास प्राचीन है और इसे बिहार के ग्रामीण इलाकों में विशेष रूप से बनाया जाता है। लिट्टी का मतलब है गोलाकार रोटी, जिसे आमतौर पर गेहूं के आटे से तैयार किया जाता है। चिका, जिसे हम भुनी हुई चने की दाल या सत्तू भी कहते हैं, लिट्टी के मुख्य भरावन के रूप में काम करता है। यह व्यंजन न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण में भी भरपूर है।
चिका लिट्टी बनाने की विधि
सामग्री
- गेहूं का आटा – 2 कप
- सत्तू (भुनी हुई चने की दाल) – 1 कप
- प्याज – 1 बड़ा (बारीक काटा हुआ)
- अदरक – 1 इंच का टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
- हरी मिर्च – 2 (बारीक कटी हुई)
- लहसुन – 4-5 कलियां (कुटी हुई)
- हरा धनिया – 2 टेबल स्पून (बारीक कटा हुआ)
- नींबू का रस – 1 टेबल स्पून
- सरसों का तेल – 3-4 टेबल स्पून
- नमक – स्वादानुसार
- पानी – आवश्यकतानुसार
विधि
- आटा गूंथना: सबसे पहले, गेहूं के आटे में थोड़ा सा नमक और पानी डालकर एक नरम आटा गूंथ लें। इसे 20-30 मिनट के लिए ढककर रख दें।
- भरावन तैयार करना: एक बर्तन में सत्तू, बारीक कटा प्याज, अदरक, हरी मिर्च, लहसुन, हरा धनिया, नींबू का रस, और नमक डालें। इसे अच्छे से मिलाएं। भरावन तैयार है।
- लिट्टी बनाना: गूंथे हुए आटे से छोटी-छोटी गेंदें बनाएं। हर गेंद को बेलकर उसमें तैयार भरावन रखें और चारों ओर से बंद कर दें। अब इसे गोल आकार दें।
- लिट्टी सेंकना: अब एक तवा या ओटे पर लिट्टी डालें। इसे धीमी आंच पर सेंकें और चारों तरफ से सुनहरा और कुरकुरा होने तक पलटते रहें। लिट्टी को तंदूर में भी सेंका जा सकता है।
- घी या तेल लगाना: लिट्टी को सेंकने के बाद इसे घी या तेल से अच्छी तरह से लगा लें।
चिका लिट्टी का सही तरीका
चिका लिट्टी को परोसने का सही तरीका भी बेहद महत्वपूर्ण है। इसे आमतौर पर चोखा के साथ परोसा जाता है। चोखा बैंगन, आलू या टमाटर को भूनकर बनाया जाता है, जिसे जीरे और कटी हुई हरी मिर्च के साथ मसाला दिया जाता है। लिट्टी को चोखे के साथ गरमा-गरम परोसें और उसके साथ ताजे नींबू का रस और प्याज का सलाद भी शामिल करें।
चिका लिट्टी का महत्व
चिका लिट्टी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह पारंपरिक भारतीय व्यंजनों का प्रतीक भी है। यह बिहार की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है और इसे खास अवसरों पर बनाया जाता है। इसका सेवन करना न केवल स्वाद का आनंद देता है, बल्कि यह पोषण के लिहाज से भी बहुत लाभकारी है।
चिका लिट्टी एक ऐसा व्यंजन है जो हर बिहारी का दिल जीत लेता है। इसकी खासियत केवल इसके स्वाद में नहीं, बल्कि इसकी तैयारी और परंपराओं में भी है। यदि आप भारतीय खाने के शौकीन हैं, तो चिका लिट्टी को अपनी थाली में जरूर शामिल करें। यह न केवल आपको एक नई स्वाद यात्रा पर ले जाएगी, बल्कि आपके दिल में बिहारी संस्कृति की एक झलक भी उतारेगी। तो अब बारी है अपने किचन में चिका लिट्टी बनाने की!